डॉ. आर.ए. कौशिक ने संभाल अधिष्ठाता मत्स्यकि महाविद्यालय का पदभार
उदयपुर : डॉ. आर.ए. कौशिक ने दिनांक 01 जनवरी को अधिष्ठाता मत्स्यकि महाविद्यालय का पदभार संभाला। पूर्व अधिष्ठाता डॉ बी के शर्मा के सेवानिवृत होने पर डॉ कौशिक को यह अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। कार्य भार ग्रहण करने पर महाविद्यालय की फैकल्टी, स्टाफ और विद्यार्थियों ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। वर्तमान में डॉ. आर.ए. कौशिक निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के पद पर आसीन हैं। इससे पूर्व डॉ कौशिक निदेशक, आवासीय निर्देश एवं विभागध्यक्ष, उद्यान विज्ञान विभाग के पद पर कार्य कर चुके है।
डॉ कौशिक को बागवानी के क्षेत्र में शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार का 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। आपके द्वारा विश्वविद्यालय सेवाकाल के दौरान कई तकनीकियों का विकास किया गया, मुख्य रूप से शुष्क फलों की खेती जिसे किसान व्यापक रूप से अपना रहे है। आपने हरियाणा एवं राजस्थान के अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में बेर, आंवला सीताफल आदि फलों को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आप सीताफल की मूल्य श्रृंखला विकसित करने में अग्रणी कार्यकर्ता भी रहे और ब्राउनिंग मुक्त सीताफल गूदा निष्काशन तकनीक को व्यावसायिक रूप से कई उद्योगों द्वारा उपयोग में लिया जा रहा है। उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए आपको कई राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। जिसमें मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और निदरलैण्ड देशों में अपने शोध निष्कर्षों को प्रस्तुत करने व उन्नत प्रशिक्षणों के लिये मनोनित किया गया। आपको विश्वविद्यालय द्वारा उत्कृष्ट सेवाओं के लिये भी पुरस्कृत किया गया। आपको वर्ष 2011 में सार्क वैज्ञानिक, एच.एस. मेहता फाउण्डेशन द्वारा बागवानी के क्षेत्र में योगदान के लिये यंग सांइटिस्ट अवार्ड भी प्रदान किया गया। डॉ. कौशिक ने नेगेव, बीयर शिवा, इजराइल के बेन गुरियन विश्वविद्यालय से पी.डी.एफ. प्राप्त किया। निदेशक, आवासीन निर्देश रहते हुये आपने 40 पी.एच.डी., एम.एस.सी. विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी प्रदान किया। डॉ. कौशिक ने राष्ट्रीय / अर्न्तराष्ट्रीय प्रत्रिकाओं में 200 से अधिक स्वलिखित शोध पत्र, आलेख, पुस्तकें, बुलेटिन, मेन्यूअल, पुस्तक अध्याय एवं प्रशिक्षण मेन्यूअल का लेखन संपादन किया है।