एनसीपीए प्रस्तुत करता है: बरसात रंग — होली पर रचनाएँ
मुंबई, 6 मार्च : होली बसंत का त्योहार है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। यह रंगों, संगीत, नृत्य और खुशियों के साथ मनाया जाता है। होली के गीतों में कभी प्यार में डूबे एक जोड़े की बातें होती हैं, तो कभी दुल्हन की भावनाएं, और कभी राधा–कृष्ण के अमर प्रेम की […]

मुंबई, 6 मार्च : होली बसंत का त्योहार है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। यह रंगों, संगीत, नृत्य और खुशियों के साथ मनाया जाता है। होली के गीतों में कभी प्यार में डूबे एक जोड़े की बातें होती हैं, तो कभी दुल्हन की भावनाएं, और कभी राधा–कृष्ण के अमर प्रेम की झलक। ये गाने दिल में खुशी और उमंग भर देते हैं।
यह कार्यक्रम होली के इसी जोश और मस्ती को संगीत के जरिए फिर से जीवंत करने का प्रयास है।
प्राचीन नगरी वाराणसी में बढ़ी और जन्मी डॉ. सोमा घोष ने बनारस घराने की सुप्रसिद्ध गायिका बागेश्वरी देवी जी से संगीत की शिक्षा प्राप्त की है। साथ ही, उन्हें विख्यात शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के सान्निध्य का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ है। सामाजिक परियोजनाओं से जुड़ी डॉ. घोष को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है।
अपने उपशास्त्रीय और लोक संगीत के खजाने के साथ, डॉ. सोमा घोष होली की खुशियों और रंगों को अपने गानों से सजीव करेंगी। इस प्रस्तुति में ठुमरी, टप्पा, होरी, चैती, कजरी, दादरा और ग़ज़ल जैसी कई दिलचस्प संगीत शैलियां सुनने को मिलेंगी। ‘Supported by Citi’
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